कौन हैं संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा ? Part 1
संत
राम रहीम जी के बहुत सारे चेहरे हैं |

डेरा
प्रमुख बनने के बाद वो एक संत के रूप में सामने आये, फिर वो एक लेखक के रूप में सामने
आये, फिर एक गायक के रूप में, फिर एक अभिनेता के रूप में, और फिल्म बनाने के लिए जितने
मुख्य किरदार चाहिए होते हैं उन सब के रूप में सामने आये ।
जो प्रतिभाएं उनकी सामने नहीं आयी वो सब वीडियो में देखी जा सकती हैं ।
कुछ
और सवाल जो पूछे गए हैं :

अगर कोई मैडल जीता है तो कभी दिखाया क्यों नहीं?
वो पढाई में बहुत ज्यादा
होशियार थे तो उन्होंने कभी कोई बड़ी परीक्षा क्यों नहीं दी ?
अगर उनमे इतनी सारी प्रतिभाएं
हैं तो वो उन्हें सार्वजनिक मंच पर आकर क्यों नहीं दिखाते ?
आखिर स्वयंभू अपने आप को
अपने ही मंच से इस तरह से दर्शाना, क्या यह एक दिखावा नहीं है ?
इन सब से अलग क्या
एक संत को रंग बिरंगे कपडे पहनकर फिल्मों में नाच गाना करना शोभा देता है ?
आप सब
के सवाल जायज़ है लेकिन इन सब से हटके कुछ मेरे सवाल हैं ।
- क्या श्री कृष्ण जी एक बेहतरीन धनुर्धर के रूप में करण और अर्जुन से ज्यादा प्रसिद्ध हैं ?
- क्या श्री गुरु गोबिंद सिंह जी बंदा बहादुर से ज्यादा ताकतवर और ज्यादा श्रेष्ठ योद्धा के रूप में प्रसिद्ध हैं ?
- क्या श्री गुरु नानक देव जी एक विश्व स्तरीय गायक के रूप में प्रसिद्ध हैं ?
- क्या श्री राम जी एक बेहतरीन सेनापति के रूप में प्रसिद्ध हैं ?
- क्या श्री हनुमान जी एक क्षत्रिय के रूप में प्रसिद्ध हैं ?
- क्या कबीर दास जी एक बेहतरीन जुलाहे के रूप में प्रसिद्ध हुए ?
- क्या पैगम्बर मोहम्मद साहिब एक श्रेष्ठ योद्धा के रूप में जाने जाते हैं ?
- क्या ईसा मसीह जी एक बेहतरीन बढ़ई के रूप में जाने जाते हैं ?
सभी
सवालों में आपका जवाब नहीं ही होगा । ज्यादा समझदार लोग यहाँ से मेरे दृष्टिकोण को
समझ रहे होंगे ।
निश्चिंत
रहिये आपके हर सवाल का धीरे धीरे विस्तारपूर्वक जवाब देंगे ।
हमारे दृष्टिकोण में संत
राम रहीम जी सिर्फ एक सच्चे संत है, जिन्हे हमने प्राथमिक तौर पर एक आध्यात्मिक गुरु
के रूप में ही अपनाया है ।
इसलिए हम उनकी हर प्रतिभा को एक संत की प्रतिभा की दृष्टि
से आपको दिखाएंगे ।
लेकिन
इन सब सवालों से पहले आपको यह समझना होगा कि सच्चा संत, फ़कीर, आध्यात्मिक गुरु, होता
क्या है ? कौन होते हैं वो ? क्या नियम होते हैं उनकी जिंदगी के ? क्यों है इंसांन
को उनकी जरुरत ? क्यों एक साधारण जिंदगी जीते जीते वो अचानक समाज के लिए महान हो जाते
हैं ? क्या वो वाकई में इंसान ही होते हैं या उनमे कोई ख़ास ईश्वरीय शक्ति होती है
? और अगर ईश्वरीय शक्ति होती है तो उनमे वो शक्ति अचानक कहाँ से और कैसे आ जाती है ? उन शक्तियों का वो किस हद तक इस्तेमाल कर सकते हैं ?

हम चाहते
हैं कि आप इन सवालों के इलावा और सवाल हमे भेझे, तांकि विषय को एक बार में ही पूरा
विस्तार में बताया जा सके ।
एक
और बात हम यहाँ स्पष्ट कर दें कि हम आपको जो जवाब देंगे वो हमने खुद आजमाएं हैं और
आजमाकर ही संत राम रहीम जी को अपना गुरु स्वीकार किया है । अगर संत जी के किसी शिष्य
का उन्हें समझने का कोई और दृष्टिकोण है तो हम उसका सम्मान करते हैं, लेकिन हम उसकी
सोच से किसी भी तरह का इत्तेफाक नहीं रखते ।
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